July 28, 2025

    सड़क दुर्घटना मुआवज़ा कैलकुलेटर | MACT दावा | LSO Legal

    रोड/ट्रैफिक दुर्घटना के बाद संभावित MACT मुआवज़ा मिनटों में जानें। Total/Received/Pending एक स्क्रीन पर—फॉर्म भरें, और LSO ड्राफ्टिंग से डिस्बर्समेंट तक पूरी सहायता देता है।


    एक्सीडेंट इंजरी क्लेम क्या होता है? – एक जीवनरक्षक अधिकार

    सड़क पर चलते हुए कोई नहीं जानता कि अगले मोड़ पर क्या होगा। एक छोटी सी लापरवाही किसी की पूरी ज़िंदगी बदल सकती है। कभी एक दुर्घटना आपको अस्पताल के बिस्तर तक पहुँचा देती है, तो कभी एक प्रियजन को हमेशा के लिए छीन लेती है। इन परिस्थितियों में क़ानून न केवल पीड़ित को न्याय दिलाता है, बल्कि मुआवजे के माध्यम से पुनःस्थापना का प्रयास भी करता है।

    भारत में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत कोई भी व्यक्ति, जो सड़क दुर्घटना में घायल हुआ हो या जिसकी मृत्यु हुई हो, मुआवजे का दावा कर सकता है। इसे Motor Accident Claim (MACT Claim) कहते हैं।

    कौन-कौन से कानून लागू होते हैं?

    धारा 166 – दोष आधारित दावा (Fault-based Claim)

    अगर किसी की गलती से दुर्घटना हुई हो, तो आप इस धारा के तहत केस कर सकते हैं। इसमें पीड़ित को साबित करना होता है कि सामने वाले की गलती से दुर्घटना हुई।

     धारा 163-A – नो फॉल्ट क्लेम (No Fault Claim)

    यह धारा तब लागू होती है जब आपको तुरंत मुआवजा चाहिए और गलती साबित करने की आवश्यकता नहीं है। एक निर्धारित गणना के आधार पर मुआवजा दिया जाता है।

     धारा 140 – अंतरिम मुआवजा

    मृत्यु या गंभीर चोट पर प्रारंभिक राहत के रूप में ₹50,000 (मृत्यु) या ₹25,000 (चोट) का अंतरिम मुआवजा दिया जा सकता है।

     IPC की धाराएं – जैसे 279, 337, 338, 304A

    जो व्यक्ति लापरवाही से वाहन चलाकर किसी को चोट पहुंचाता है या मारता है, उसके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज होता है।

     मुआवजा क्लेम करने की प्रक्रिया – Step by Step

    1. FIR दर्ज कराना:
      दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस थाने में FIR दर्ज करवाना आवश्यक है। यह केस की बुनियाद होता है।
    2. मेडिकल उपचार और रिपोर्ट:
      घायल को तुरन्त इलाज दिलाएं और सभी मेडिकल रिपोर्ट, बिल, और इलाज से जुड़े दस्तावेज़ सुरक्षित रखें।
    3. बीमा कंपनी को सूचना देना:
      जिस वाहन से दुर्घटना हुई है, उसके बीमा कंपनी को नोटिस भेजना होता है। इससे आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।
    4. MACT में याचिका दाखिल करना:
      मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण (Motor Accident Claim Tribunal) में एक याचिका दाखिल की जाती है, जिसमें सभी दस्तावेज़ संलग्न होते हैं।
    5. साक्ष्य और गवाही:
      ट्रिब्यूनल में पीड़ित पक्ष को अपनी चोट, आय, आश्रितों की स्थिति, इलाज की लागत आदि के सबूत देने होते हैं।
    6. अंतिम निर्णय और मुआवजा:
      सभी तथ्यों और सबूतों के आधार पर कोर्ट मुआवजे की राशि तय करता है और बीमा कंपनी को भुगतान का आदेश देता है।

     किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है?

    • पीड़ित का पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि)
    • FIR और चार्जशीट की प्रति
    • मेडिकल रिपोर्ट्स, बिल्स, डिस्चार्ज सारांश
    • वाहन का बीमा सर्टिफिकेट
    • वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र (RC)
    • गवाहों की जानकारी या दुर्घटनास्थल की फोटो/वीडियो
    • मृतक के मामले में – मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आश्रितों के प्रमाण

    मुआवजा कैसे तय होता है?

    मुआवजा कोई फिक्स राशि नहीं होती। यह निम्न बातों पर निर्भर करता है:

    • पीड़ित की आयु और मासिक आय
    • चोट कितनी गंभीर है – स्थायी विकलांगताया अस्थायी चोट
    • मृतक पर आश्रितों की संख्या
    • इलाज का खर्च और भविष्य की आमदनी की हानि
    • मानसिक पीड़ा और जीवन की गुणवत्ता में गिरावट

    उदाहरण: अगर कोई 30 वर्ष का व्यक्ति ₹15,000 मासिक कमाता था और उसकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तो आश्रितों को लाखों रुपये तक मुआवजा मिल सकता है (Multiplier Method से गणना की जाती है)।

    LSO Legal की भूमिका – आपका कानूनी सहारा

    LSO Legalएक ऐसा संस्थान है जो न केवल पीड़ितों की भावनाओं को समझता है, बल्कि उनके लिए न्याय की लड़ाई भी पूरी निष्ठा से लड़ता है।

    हम क्या करते हैं:

    •  MACT कोर्ट में केस दाखिला और पैरवी
    •  दस्तावेजों की तैयारी और साक्ष्य संकलन
    •  बीमा कंपनी से बातचीत और निपटान
    •  अस्पतालों और पुलिस से सहयोग प्राप्त कराना
    •  पीड़ित परिवार को मानसिक सहयोग और मार्गदर्शन

    हमारा उद्देश्य केवल केस जीतना नहीं, बल्कि एक टूटे हुए परिवार को राहत पहुंचाना होता है।

    क्या मुआवजा मिलना गारंटी है?

    नहीं, हर केस की अपनी अलग परिस्थितियाँ होती हैं। अगर आपने सही तरीके से क्लेम किया है, पर्याप्त दस्तावेज़ हैं, और अधिवक्ता ने सही पैरवी की है, तो मुआवजा मिलने की संभावना बहुत अधिक होती है।

    निष्कर्ष – दुर्घटना के बाद सिर्फ दर्द नहीं, न्याय भी पाएं

    एक सड़क दुर्घटना सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, पूरे परिवार को प्रभावित करती है। अस्पताल के बिल, काम छूट जाना, मानसिक पीड़ा – यह सब एक साथ होता है। ऐसे में मुआवजा केवल एक राहत नहीं, बल्कि एक अधिकार है।

    LSO Legalआपकी लड़ाई को अपनी लड़ाई मानता है। हम आपको अकेला महसूस नहीं होने देते। हमारी टीम आपके साथ है – दस्तावेज़ तैयार करने से लेकर कोर्ट में लड़ने तक।

    तुरंत मदद पाएं – अपना दुर्घटना मुआवज़ा अभी जांचें

    नीचे क्लिक करके तुरंत अपना अनुमानित Compensation देखें:

    https://lsolegal.com/calculator.php?op=road

    LSO Legal – भारत का सबसे विश्वसनीय डिजिटल लीगल प्लेटफ़ॉर्म

    न्याय, पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ परिवारों को सशक्त बनाना।

    Call/Helpline: 07554222969 | 8109631969 | 9171052281

    WhatsApp: +91 8109631969

    Email: support@lsolegal.com Website: https://lsolegal.com

    Follow LSO Legal?
    Facebook | Instagram | YouTube | LinkedIn

    Go Back
    All Blogs
    Free Legal Advice
    WhatsApp Need Help? Popup Survey Form